Nps पेंशन फण्ड मैनेजर चेंज कैसे करें क्या है फायदे ohoo 1

नेशनल पेंशन सिस्टम क्या है


पेंशन का तत्प्रय होता है कार्य सेवा के समाप्ति के पश्चात इन्कम का स्रोत।पेंशन नियोक्ता के द्वरा की जाने वाली भुकतान जो कर्मचारी को दी जाती है । किसी भी कार्य को निष्पादित करने हेतु एक योजना और योजन को सुचारू रूप क्रियान्वयन करने हेतु एक प्रणाली की आवश्यकता होती है।


भारतीय सरकार के द्वारा निष्पादित एक पेन्शन योजना जो   वर्ष 2004 से क्रियान्वित है का नामांकरण है nps अर्थात नेशनल पेन्शन प्रणाली । वर्तमान में भारतीय सरकार द्वारा क्रियान्वित बहुत सी पेन्सन योजना है जो सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ सामान्य भारतीय के लिए भी लाभकारी है ।


नेशनल पेन्शन सिस्टम के स्तंभ


नेशनल पेन्शन प्रणाली को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने हेतु तीन प्रणालियां सेवा रात है। अर्थात नेशनल पेंशन योजना के तीन चरण है।

1 फंड का संग्रह 

2 पेंशन फण्ड मैनेजर

3 पेंशन प्रदाता


1 फण्ड का संग्रह 


नेशनल पेन्शन प्रणाली में फंड संग्रह हेतु भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त दो प्राधिकरण क्रयरत है जिसे हम cra अर्थात center record keeping agency ( केंद्रीय अभिलेख संग्रह उपक्रम) कहते है।


जिसका क्रय nps में निवेशक द्वारा प्रदान किये गए संग्रह राशि के अभिलेख को संग्रहित करना है।दूसरे सब्दो में कहें तो cra निवेशक के धन को संग्रहित करता है और उसके धन को अपने रजिस्टर में रिकॉर्ड रखता है। भारतीय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त cra निम्नलिखित है

1 nsdl ( नेशनल सेकुरटीज़ डेपोस्टरी लिमटेड)

2 KFintech(korvy)

Nsdl एक भारतीय सरकार का उपक्रम है जबकि KFintech एक privet सस्थान है ।


2 पेन्शन फण्ड मैनेजर 


नेशनल पेंशन प्रणाली के दूसरे स्तम्भ है पेन्शन फण्ड मैनेजर (pfm) जिनका कार्य cra में संग्रहित राशि को उपलब्ध उपक्रम में निवेश करके धनराशि के मूल्य में बृद्धि करना होता है। वित्य व्यवस्था में उपलब्ध निवेश हेतु साधन को हम तीन भागों निर्धारित करते  है।


1 आक्रामक 

2 माध्यम

3 सुरक्षित


1आक्रामक माध्यम


आक्रामक माध्यम में जो व्यवस्था है जिसके नामांकरण किया जाता है वह है एकीविटी । इश माध्यम को साधरण सब्दों में शेयर बाजार के रूप में जाना जाता है जो विभिन्न व्यपारिक संस्थानों के अंश खरीदने और बेचने का एक प्लेटफार्म है। यह एक अतिरिक्त रिस्क वाली व्यवस्था जिसमें हमारी धन राशि का मूल्य अपर्यसित रूप से बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है।


3 सुरक्षित


सुरक्षित माध्यम में है गवर्मेन्ट बांड कॉरपोरेट बांड, पिफ पुण्ड इत्यादि जिसमें हमरी धनराशि का मुल्य बहुत ज़्यादा तो नहीं होता एक निश्चित समय अंतराल में परंतु वर्तमान मूल्य से कम कभी नही होता।


2 मध्यम


इस व्यवस्था में आधी धन राशि को एक़ईटी में निवेश किया जाता है और आधी धन राशि को गवर्मेन्ट बांड जैसे सुरक्षित माध्यम में।


पेन्शन फण्ड मैनेजर का कार्य यही होता है की इन उपलब्ध माध्यमों में अपने ज्ञान अनुभव और बुद्धिमता का उपयोग कर के निवेशकों के धन राशि का निवेष करना जिससे निवेशक के फण्ड में अत्यधिक धन राशि उपलब्ध हो जिशषे निवेशक को कार्य मुक्ति के बाद अत्यधिक पेन्शन उपलब्ध करायी जा सके। विभिन्न फण्ड मैनेजर का परफार्मेंस विभिन्न है वर्तमान में विभिन्न pfm संस्थानों का पेरफेरमांस नीचे दिए गए  चित्र में है




पेन्शन फण्ड मैनेजर PERFARMANCE



पेन्सन प्रदाता


फण्ड संग्रह औऱ फण्ड निवेश के पश्चात फण्ड वापसी का समय होता है जो पेन्शन के रूप में प्रदान की जाती है। फण्ड वापसी के लिए सरकार के द्वारा विभिन्न संस्थानों को मान्यता प्रदान किया गया है।जिन्हें पेन्शन प्रदाता के रूप में जाना जाता है।


विभिन्न संस्थानों के द्वारा प्रदान की जाने वाली पेंशन का दर का एक चित्र निम्न है




प्रश्न क्या हम अपने pfm को बदल सकते है?

उत्तर 

हम अपने pfm को एक वर्ष के  अन्तराल के बाद कभी भी बदल सकते है


प्रश्न

हम lic पेंशन fund लिमिटेड या sbi लाइफ पेन्शन फण्ड privet लिमिटेड जैसे सरकारी संस्थानों से अपने फण्ड को और प्रिवेट कंपनियों में क्यों करें?


उत्तर  

nps में जितनी भी संस्थाओं को मान्यता प्रदान किया गया है वो सारे संस्थान प्रिवेट है अतः जन्हा निवेशक को अत्यधिक लाभ प्राप्त हो उस संस्थान को चुनाव करना चाहिए चाहे pfm कि बात हो या पेन्शन प्रदाता की बात हो। lic पेन्शन फण्ड लिमिटेड या sbi  पेन्शन फण्ड प्रिवेट में lic या sbi का शेयर है न की ये एक सरकारी संस्थान है।


पेन्शन फण्ड मैनेजर को बदलने हेतु जानकारी निम्नलिखित vedio में संग्रहित है। जोकि ऑनलाइन किया जाता है





ऑफ लाइन फण्ड मैनेजर को बदलाव हेतु निम्नलिखित फार्म को भर कर अपने ddo को देना होगा



ddo द्वार उस फार्म को ट्रेजरी ऑफिसर को अग्रेषित करना होगा तपक्षात ट्रेजरी ऑफिसर को उस रिकवेस्ट को nsdl को भेजना होता है nsdl में रिकवेस्ट प्राप्ति के पक्षात 4 कार्य दिवस के अंतर्गत pfm बदल जाता है।


Nps से बाहर निकलने हेतु अर्थात सेवा मुक्ति के पक्षात पेन्शन का रिक्वेस्ट हेतु दो माध्यम है ऑनलाइन ऑफ line

Online रिकवेस्ट की जानकारी हेतु दिए गए लिंक पर क्लिक करें।


CLICK


ऑफलाइन हेतु दिए गए फार्म को भर कर जैसे pfm क्व बदलाव का कार्य होता है वैसा ही पेन्शन रिकवेस्ट हेतु होता है।


नोट ये आर्टिकल प्रमुख रूप से सरकारी कर्मचारियों हेतु उपयोगी है।






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