वित्त अर्थ क्या है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।इस सामाजिक संगठन को सुचारू रूप से संचालन हेतु एक तर्क संगत प्रभावी व्यवस्था की अवस्कता होती है । समाज में प्रतिव्यक्ती को कुछ ना कुछ वस्तु की आवश्कता होती है। प्रति वस्तु का एक मूल्य समाज के द्वारा निर्धारित की जाती है। अवाय्यक बस्ती को प्राप्त करने हेतु कुछ ना कुछ प्रदान करना पड़ता है चुकीं वस्तु का मूल्य निर्धरित होती है। अधिक या कम मूल्य की जरूरत होने पर वित्त अदान प्रदान गलत हो जाता है। अतः इस व्यवाथा को सही करने के लिए सरकार द्वारा मुद्रा दिया जाता है जिसे हम वित कह सकते है। वित्त के प्रमुख स्रोत क्या है वित्त को प्राप्त करने का मुख्य साधन है कार्य हमारे द्वारा किया गया कार्य का रूप ही है मुद्रा।कार्य के गुणवत्ता के हिसाब से ही मुद्रा की मूल्य निर्धारण होता है।दूसरे शब्दों में कहें तो अधिक गुणवत्ता वाले कार्य का मूल्य अधिक है कम गुणवत्ता वाले कार्य का मूल्य कम होता है। परन्तु कुछ स्रोत ऐसे भी जिससे बिना कार्य के या अपने कार्य डेरा प्राप्त मूल्य को बढ़ाया जा सकता है जो निम्नलिखित है। व्यापार व्यापार के द्वारा भी धन को प्राप्त कि...
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